हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
فَاذْكُرُونِي أَذْكُرْكُمْ وَاشْكُرُوا لِي وَلَا تَكْفُرُونِ फ़ज़कोरूनी अज़कुरकुम वश कोरूली वला तकफोरून (बकरा 152)
अनुवाद: तो मुझे याद करो। मैं तुम्हें याद करूंगा। और मुझे धन्यवाद दो। और मेरे प्रति कृतघ्न मत बनो।
क़ुरआन की तफसीरः
1️⃣ अल्लाह तआला का ज़िक्र करना ज़रूरी है न कि उसकी उपेक्षा करना।
2️⃣ अल्लाह तआला की याद में रहना उसकी एहसानों और खास तवज्जो को हासिल करने का सबब है।
3️⃣ ईश्वर की उपस्थिति में कृतज्ञता आवश्यक है।
4️⃣ पवित्र पैगंबर (स) और क़िबला बदलना दो ऐसे आशीर्वाद हैं जो यज़ीदी अदालत में आभार के योग्य हैं।
5️⃣ अल्लाह तआला की नेमतों में कुफ्र से बचना जरूरी है।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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